पेपर लीक मामले की रिपोर्ट सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 रद्द कर दी थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने अब पेपर लीक के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने नोएडा से पेपर लीक के मास्टरमाइंड आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पहले भी कई बड़े एग्जाम के पेपर लीक करवा चुका हैऔर इसके लिए जेल भी जा चुका है।
यूपी एसटीएफ द्वारा राजीव नयन मिश्रा से पूछताछ के दौरान ये पता चला की राजीव ने यूपी पुलिस परीक्षा के अलावा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा के भी पेपर लिक कराये थे। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने इसी मामले में खुलासा करते हुए इसमें उसके साथ कई लोगो के शामिल होने की बात कही है। आप को बता दे की एसटीएफ द्वारा मिली जानकारी के अनुसार गोंडा के अमित सिंह, रवि अत्री निवासी गौतमबुद्धनगर, राजीव नयन मिश्रा निवासी प्रयागराज और अभिषेक शुक्ला समेत कई लोगों ने मिलकर पेपर आउट कराया था।
राजीव नयन मिश्रा के बयाना के बाद यूपी एसटीएफ ने कार्यवाही करते हुए गोंडा के रहने वाले अमित सिंह को गिरफ्तार किया। अमित सिंह से पूछताछ में पता चला की वह लखनऊ में कॉमर्स की कोचिंग चलाता था और उसने ही नक़ल करने के लिए RO/ARO के अभ्यर्थियों को इकट्ठा भी किया था उसने ये भी बताया कि लखनऊ में कोचिंग संचालन के दौरान ही वह बलिया के दीपक दुबे नामक आदमी से मिला और फिर दीपक दुबे के माध्यम से मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के संपर्क में आया।
एसटीएफ को अमित सिंह ने ये भी बताया की राजीव नयन को उसने अभ्यर्थियों को टीजीटी परीक्षा 2020/21 का पेपर पढ़ाने पढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। और इसी तरह वो कई भर्ती परीक्षाओं में राजीव नयन को कैंडिडेट उपलब्ध करवाता था। और इसी के साथ एसटीएफ ने ये भी जानकरी दी की पेपर लिक में अरेस्ट हुए यूपी पुलिस के बर्खास्त कांस्टेबल अरूण कुमार सिंह और सौरभ शुक्ला ने पूछताछ में उनको अमित सिंह की भूमिका बताई थी। राजीव नयन ने समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी का पेपर 25 लाख रुपये में डॉक्टर शरद सिंह को बेचा था।
राजीव नयन ने अमित सिंह से समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के साथ – साथ यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए भी अभ्यार्थी उपलब्ध कराने के लिए कहा था राजीव नयन और अमित सिंह की पूरी प्लानिंग थी की समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के सभी अभ्यर्थियों को लखनऊ और प्रयागराज में पेपर और उसका उत्तर पढ़ाया जाएगा और इसके बदले में डॉक्टर शरद सिंह से हर अभ्यार्थी के बदले में 15 लाख रुपये देना तय हुआ था।
राजीव नयन जो की प्रयागराज में आरोग्यम हॉस्पिटल का मालिक है उसी में उसने सभी अभ्यर्थियों को पेपर पढाया था और बाकि के बचे लडको को डॉक्टर शरद सिंह ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के पास अपनी कार व अन्य गाडियों में बैठाकर लगभग पुरे 2 घन्टे तक पढाया था और पढ़ाने के बाद उन्ही गाडियों से सभी अभ्यर्थियों को उनके परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया भी था।
यूपी एसटीएफ को दिए गए बयान में अमित सिंह ने बताया की उसने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए लगभग 40 अभ्यर्थियों की व्यवस्था की थी। जिनको 16 फरवरी को राजीव नयन के खास सहयोगी पुष्कर पांडे बस से रीवा लेकर गया और रीवा में ही शक्ति रिसॉर्ट में सभी अभ्यर्थियों को पेपर पढवाया गया था। अमित सिह ने ये भी बयाना दिया किया की उसी दिन राजीव नयन के पैसे मागने पर अमित सिंह ने अपने चचेरे भाई से राजीव नयन के खाते में 5 लाख रुपये ट्रान्सफर करवाये थे। अमित सिंह ने कहाँ की ये पैसा उसने आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा के पेपर लिक कराने के बदले में दिया गया था और बाकि पैसा बाद में देने की बात हुई थी।
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